Mai Na Rahu To Kal Yaad Aaunga
मैं तो चिराग हूँ तेरे आशियाने का, कभी ना कभी तो बुझ जाऊंगा.. आज शिकायत हैं तुझे मेरे उजाले से, कल अँधेरे में बहुत याद आऊंगा!!
मैं तो चिराग हूँ तेरे आशियाने का, कभी ना कभी तो बुझ जाऊंगा.. आज शिकायत हैं तुझे मेरे उजाले से, कल अँधेरे में बहुत याद आऊंगा!!
दोस्त रूठे तो रब रूठे, फिर रूठे तो जग छुटे, अगर फिर रूठे तो दिल टूटे, और अगर फिर भी रूठे तो, उतार चप्पल मार साले को, जब तक चप्पल ना टूटे…