Jo Na Mila Uski Khwaish Na Ki
लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर, मैंने दर्द की अपने नुमाइश न की, जब, जहाँ, जो मिला, अपना लिया, जो न मिला, उसकी ख्वाइश न की…
लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर, मैंने दर्द की अपने नुमाइश न की, जब, जहाँ, जो मिला, अपना लिया, जो न मिला, उसकी ख्वाइश न की…
काश कोई फिर छोड़कर चला जाये मोहब्बत करके, सुना है दर्द ही दर्द को काटता है…
मत पूछना खफा होने का सबब मुझसे, कैसे-कैसे खेले है किस्मत ने खेल मुझसे, अब कैसे छिपाऊँ अश्क इन आँखों में, क्या बताऊ अब क्या छूट गया है मुझसे…
सोचा छान कर देखे पन्ने पुराने.. के लिखा क्या है, पन्नों को देख समझ आया.. लिखा बहोत है, पर सब आधा है..!! उसके ना हम तब थे, ना हम आज हैं.. फर्क सिर्फ इतना हैं, तभी अजनबी थे, अभी जान-पहचान हैं..! जब लोगों की नजर मे हमारे अंदाज बदल जाते हैं, तब हम उनसे नजर … Read more